किया बहुत है तर्क इस पर,
फिर ही है निष्कर्ष निकाला,
मूँछ सराहे बिना नहीं
रह सकता मूँछों वाला।
मूँछों को देने ताव, सराहने,
तुम बाथरूम बार बार जाते होगे।
खड़े आईना तकते रहते,
बल पर बल चढ़ाते होगे।
तभी मात्र पत्र डायरी करवाने,
हम जब भी हैं आते,
आधे घंटे बाद आओ,
ऐसा कह कर तुम छुटकारा पाते।
करते हो उपयोग समय यदि,
तुम मूँछों को सहलाने को,
माइंड नहीं करेंगे हम,
कहो चाहे दो घंटे बाद आने को।