Hari Shawl Odhe हरी शॉल ओढ़े पृष्ठ- 1 "मेरे लिए तो ज़िन्दगी उसी दिन ठहर गई थी तुम मुझे छोड़ के जिस दिन, जिस पहर गई थी। अब भी याद आती हो वही हरी शॉल ओढ़े देख कर मुझे दूर से मुस्कुराती हो…