झलकियाँ

अभूतपूर्व कवि

अभूतपूर्व कवि जब मेरी कविता कहने की बारी आई,  काफी लोग घर जा चुके थे।  जो कुर्सियों पर अटके थे, सुस्ता चुके थे।  नींद मुझे

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Poetry-Hindi
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हवा की सरगम

हवा की सरगम सुनो ज़रा,कानों में बजती वीणा सा।हर शाख कहती एक कहानी,नीम, पीपल, आम पुरानी। जो न कह सके लोग कभी,वो हवाओं ने कह

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