झलकियाँ
अभूतपूर्व कवि
अभूतपूर्व कवि जब मेरी कविता कहने की बारी आई, काफी लोग घर जा चुके थे। जो कुर्सियों पर अटके थे, सुस्ता चुके थे। नींद मुझे
May 1, 2025
No Comments
Poetry-Hindi
हवा की सरगम
हवा की सरगम सुनो ज़रा,कानों में बजती वीणा सा।हर शाख कहती एक कहानी,नीम, पीपल, आम पुरानी। जो न कह सके लोग कभी,वो हवाओं ने कह
April 19, 2025
No Comments