मिसेज़ सिंग ने परसों आखंड पाठ रखवाया था।
हमारी ही सूजी का बना हलवा खिलाया था।
मैं गया उनके घर तो कहने लगी,
“इंसान को इश्वर से डरना चाहिए”
“धर्म कर्म का काम, नेकी और दान करना चाहिए”।
जब से तुम गई हो यहाँ काफी कुछ 'चेंज' हो गया है।
शाम को तो लगता है जैसे,
घर 'टेलेफोन एक्सचेंज' हो गया है।
सब पड़ोसी आते हैं, थोड़ा बतियाते हैं,
और बातों बातों में एक दो टेलेफोन भी लगा जाते हैं।
कई बार तो उन्हें लाइन भी लगानी पड़ती है।
मनोरंजन करना पड़ता है मुझे,
चाय भी पिलानी पड़ती है।
टीटू का भी 'मिड टर्म' का 'रिज़ल्ट कार्ड' आया है।
कोई भी विषय पास नहीं कर पाया है।
अंग्रेजी में तो फिर भी पाँच अंक हैं,
हिसाब में तो सिफ़र ही आया है।