Books Written , Compiled and Published
मैं भी बना मिनिस्टर
मुझे यह तो याद नहीं कि मुझे यह पुस्तक लिखने का विचार कैसे आया । यह मेरा हास्य कविता लिखने का पहला प्रयास तो नहीं था।
वह तो मैं इंजीनियरिंग कॉलेज के दिनों में भी लिखा करता था, लेकिन उस का उद्देश्य केवल दोस्त यारों को हसाना ही होता था, और उनकी शैली वही जो उस आयु के लड़के प्रयोग करते हैं और उनके भाव वही जो वे सोचते और सुनना और सुनाना चाहते हैं।
कुल मिला कर कहें तो वे कविताएँ सब अश्लील ही होतीं थीं।
लेकिन मेरा शौक वहीं तक सीमित नहीं था ।
Sailing the Fine Line
In the vast and unpredictable waters of maritime life, where every voyage is a test of skill, wit, and resilience, Sailing the Fine Line brings to life the humor and hardships of a seafarer’s journey. Through a vividly imagined and poetic narrative, this book captures a unique day on board a merchant vessel—a Port State Control inspection at Helsinki.
परफेक्ट पति
दूसरी पुस्तक के रूप में अपनी कृतियों को दुनियाँ के समक्ष रखने का प्रयास जो मैंने किया उस पुस्तक को ” परफेक्ट पति” का नाम दिया ।
यह प्रयास भी आज से लगभग बीस साल पहले मैंने किया था। इंटरनेट तो उन दिनों अअ चुका था लेकिन, हिन्दी लिखने के सॉफ्टवेयर इतने अच्छे नहीं थे।
मैंने तो वैसे भी टायपिंग करना भी लैपटॉप लेने के बाद अपने ही प्रयासों से सीखा। अभी भी उँगलियाँ मैं चलाता तो सारी हूँ पर सही अक्षर के लिए मैं सही उंगली का प्रायोंग नहीं करता ।
मैं भी बना मिनिस्टर
मुझे यह तो याद नहीं कि मुझे यह पुस्तक लिखने का विचार कैसे आया । यह मेरा हास्य कविता लिखने का पहला प्रयास तो नहीं था।
वह तो मैं इंजीनियरिंग कॉलेज के दिनों में भी लिखा करता था, लेकिन उस का उद्देश्य केवल दोस्त यारों को हसाना ही होता था, और उनकी शैली वही जो उस आयु के लड़के प्रयोग करते हैं और उनके भाव वही जो वे सोचते और सुनना और सुनाना चाहते हैं।
कुल मिला कर कहें तो वे कविताएँ सब अश्लील ही होतीं थीं।
लेकिन मेरा शौक वहीं तक सीमित नहीं था ।
परफेक्ट पति
दूसरी पुस्तक के रूप में अपनी कृतियों को दुनियाँ के समक्ष रखने का प्रयास जो मैंने किया उस पुस्तक को ” परफेक्ट पति” का नाम दिया ।
यह प्रयास भी आज से लगभग बीस साल पहले मैंने किया था। इंटरनेट तो उन दिनों अअ चुका था लेकिन, हिन्दी लिखने के सॉफ्टवेयर इतने अच्छे नहीं थे।
मैंने तो वैसे भी टायपिंग करना भी लैपटॉप लेने के बाद अपने ही प्रयासों से सीखा। अभी भी उँगलियाँ मैं चलाता तो सारी हूँ पर सही अक्षर के लिए मैं सही उंगली का प्रायोंग नहीं करता ।
परफेक्ट पति
दूसरी पुस्तक के रूप में अपनी कृतियों को दुनियाँ के समक्ष रखने का प्रयास जो मैंने किया उस पुस्तक को ” परफेक्ट पति” का नाम दिया ।
यह प्रयास भी आज से लगभग बीस साल पहले मैंने किया था। इंटरनेट तो उन दिनों अअ चुका था लेकिन, हिन्दी लिखने के सॉफ्टवेयर इतने अच्छे नहीं थे।
मैंने तो वैसे भी टायपिंग करना भी लैपटॉप लेने के बाद अपने ही प्रयासों से सीखा। अभी भी उँगलियाँ मैं चलाता तो सारी हूँ पर सही अक्षर के लिए मैं सही उंगली का प्रायोंग नहीं करता ।
पंडितजी पनामा में
पंडितजी पनामा में मेरा इस दिशा मए तीसरा कदम था, और अगर हम काल खंड की बात करें तो, यह पुस्तक भी आज से दो दशक पूर्व छपी ज़रूर थी, लेकिन मैंने तो इसे किसी तक पहुँचाने का कोई प्रयास नहीं किया। मैंने तो यह काम भी पब्लिशर के भरोसे छोड़ दिया था और चला गया था मैं फिर से अपनी जहाज़-नगरी में। अपनी दुनियाँ जो कि आप की दुनियाँ से बिल्कुल अलग है ।
परफेक्ट पति
दूसरी पुस्तक के रूप में अपनी कृतियों को दुनियाँ के समक्ष रखने का प्रयास जो मैंने किया उस पुस्तक को ” परफेक्ट पति” का नाम दिया ।
यह प्रयास भी आज से लगभग बीस साल पहले मैंने किया था। इंटरनेट तो उन दिनों अअ चुका था लेकिन, हिन्दी लिखने के सॉफ्टवेयर इतने अच्छे नहीं थे।
मैंने तो वैसे भी टायपिंग करना भी लैपटॉप लेने के बाद अपने ही प्रयासों से सीखा। अभी भी उँगलियाँ मैं चलाता तो सारी हूँ पर सही अक्षर के लिए मैं सही उंगली का प्रायोंग नहीं करता ।
Main Bhi Bana Minsiter
A Book in English Verse
The idea of re-writing the Hindi version into English came to me one day, when I was working on ChatGPT
Main Bhi Bana Minsiter
A Book in English Verse
The idea of re-writing the Hindi version into English came to me one day, when I was working on ChatGPT.
The original book is in a Hindi verse. It was the first book ever got published by me. I had high hopes about the results………