अब तो बिलकुल उम्मीद नहीं रही है।
किताबें उसकी वर्मा की लड़की ले गयी है।
बैट उसका सिंग के साहब-जादे ने तोड़ दिया है।
बेबी की गुड़िया का कान नीना ने मरोड़ दिया है।
वी सी आर एक हफ्ते से शर्मा जी ले गए हैं।
अपनी बेटी की शादी का कार्ड भी दे गए हैं।
सच मुझसे ये सब संभल नहीं रहा है।
घर मुझसे दरअसल चल नहीं रहा है।
सूना सूना है सब, दम घुटता जा रहा है।
जल्दी वापिस आ जाओ,
सब लुटता जा रहा है।
जितनी तुम देर लगाओगी,
कसम से उतनी ही पछातोगी।
ले जायेंगे पड़ोसी सब कुछ,
और मुझे शायद पुलिस ले जायेगी।
खाली खाली घर तुम पहचान भी न पाओगी।