हवा की सरगम सुनो ज़रा,
कानों में बजती वीणा सा।
हर शाख कहती एक कहानी,
नीम, पीपल, आम पुरानी।

जो न कह सके लोग कभी,
वो हवाओं ने कह डाला।
मन के भीतर एक लहर है,
जिसको छूकर आई हवा।

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